बीजापुर, देश भर में कई लोग अपनी कमाई से हाथ धो बैठे हैं,बड़े शहरों से लोग अपने गांव वापस लौट रहे हैं सिर्फ इस आशा के साथ के उनको रूखी सूखी सही मगर दो वक्त की रोटी प्रेम से नसीब हो सके। यही आशा लिए तेलंगाना के पेरूर गांव से 12 साल की मासूम ने अपना रास्ता पैदल ही तय किया। छत्तीसगढ़ के बीजापुर के आदेड गांव की रहने वाली इस बच्ची ने तबीयत बिगड़ने के बावजूद भी 3 दिन के अंदर 100 किलोमीटर का सफर तय कर लिया और अपने घर से 14 किलोमीटर पहले ही जिंदगी से हार गई और अपना दम तोड़ दिया। इस मासूम के दूसरे 11 लोग और भी थे, लेकिन जंगल के रास्ते उचित इलाज ना मिल सका।
बच्ची का नाम जमलो मड़कम है, जमलो के साथ के लोगों ने बताया कि बच्ची के पेट में दर्द हो रहा था। बीजापुर के आदेड गांव की रहने वाली मासूम गांव के ही लोगों के साथ तेलंगाना के पेरुर गांव में रोजगार की तलाश में 2 महीने पहले पहुंची थी, जहां उनको मिर्ची तोड़ने का काम मिल गया था। लॉक डाउन में काम बंद हो जाने के कारण कुछ दिन इन सभी ने वही बिताए और खाने-पीने का इंतजाम भी किया। लॉक डाउन की अवधि बढ़ने के कारण रोटी पानी की समस्या खड़ी हो गई जिस वजह से जमलो और गांव के 11लोगों ने 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अपने गांव वापस लौटने के लिए पैदल ही रास्ता तय कर लिया। अगले ही दिन जमलो की तबीयत बिगड़ने लगी फिर भी किसी तरह उसने 17 अप्रैल का दिन बिता लिया मगर 18 अप्रैल को 100 किलोमीटर तक चलने के बाद मोदकपाल इलाके के भंडारपाल गांव के पास ही अपना दम तोड़ दिया। जमलो अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।
बच्ची नहीं उसकी मौत की खबर पहुंची घर पर
गांव में बच्ची की मौत की खबर के बाद प्रशासन की टीम गांव पहुंची। प्रशासन की टीम ने तेलंगाना से आए मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया और उन्हें मजदूरों में से किसी एक ने गांव पहुंचकर इकलौती बच्ची की मौत की खबर दी। मौत की खबर सुनने के बाद बच्ची के पिता आंदोराम मड़कम और मां सुकमति जिला अस्पताल पहुंचे। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद जमलो का शव माता-पिता को सौंप दिया गया। पिता का कहना है कि हमारी तो जमलो इकलौती बेटी थी,हम उसी का इंतजार कर रहे थे लेकिन हमें क्या पता था कि उसकी मौत की खबर हमारे सामने आ जाएगी। तेलंगाना से बच्ची के साथ आए सभी लोगों को अलग रखा गया है इसलिए यह भी साफ नहीं हो पा रहा है कि आखिर क्या बात हुई थी बच्ची के साथ।
सभी ग्रामीण वासियों को किया गया क्वॉरेंटाइन उधर बच्ची का सैंपल नेगेटिव
सीएमएचओ डॉक्टर बीआर पुजारी के मुताबिक बच्ची के साथ आए सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया गया है मौत की खबर मिलने के बाद ही बच्ची का शव बीजापुर लाया गया और उसका कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल भी भेजा गया जिसका नतीजा नेगेटिव आया। संदेह है कि बच्ची का इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस पाया गया है शायद यही उसकी मौत का कारण बना है। असल क्या परिस्थिति बनी है इसके बारे में तो पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।